रायपुर। Chhattisgarh Budget 2021: सोमवार एक मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट पेश किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ को पीछे ले जाने वाला बजट है। 20 साल में पहली बार देखा गया कि घटता हुआ बजट पेश किया गया। इसमें युवाओं महिलाओं किसानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। नया योजना की अगली किस्त कब आएगी इसका उल्लेख नही किया गया है।
वहीं, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि इस बजट में 14000 करोड़ रुपए संरचना विकास पर खर्च करने की बात कही गई है। मगर, नए रोजगार के सृजन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह बजट छत्तीसगढ़ को विकास के रास्ते पर पीछे ले जाने वाला है।
पेंशनरों और कर्मचारियों के लिए निराशाजनक
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने भूपेश सरकार के तीसरा बजट को भी पहले के दो बजट के समान ही राज्य के पेंशनरों एवं कर्मचारी जगत के लिये निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक संवर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस बजट से मायूसी मिली है, उनका छटवें वेतनमान और सातवें वेतनमान के एरियर के भुगतान का भरोसा टूट गया।
इस तीसरे बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद जुलाई 19 से बकाया पांच फीसद महंगाई राहत की घोषणा का इंतजार था, उस पर भी चुप्पी से राज्य के पेंशनर हताश हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताया है कि इसी बजट सत्र में सरकार पेंशनरों एवं कर्मचारियों के आर्थिक मामलों पर निर्णय कर राहत प्रदान करेगी।
किन्नरों का जीवन होगा बेहतर
किन्नर विद्या राजपूत ने कहा कि तृतीय लिंग के लोगों के पास मकान न होने से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने बजट में पुनर्वास योजना की घोषणा की है यह काफी सराहनीय है, अब तृतीय लिंग के लोग एक ही छत के नीचे रहकर बेहतर जीवन जी सकेंगे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर की उम्मीद थी
पूर्व उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छः सौ सत्तर करोड़ का बजट स्वास्थ्य विभाग को आबंटित किया गया है। इसमें कोई भी अतिरिक्त प्रावधान नहीं है। आशा है कि इस बार और प्रावधान किए जाएंगे, जिनमें मेडिकल कॉलेजों जिला अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण, स्थापना, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना व भवन निर्माण आदि होंगे।