कोलकाता: कुछ लोग मौत जैसी खौफनाक हकीकत को भी खूबसूरत मोड़ दे जाते हैं। वह मरने के बाद भी इस धरती पर अपने आप को जीवित छोड़ ज़ाते हैं। दुनिया को अलविदा कह चुकी 13 वर्षीय लड़की के अंगदान से 3 जरूरतमंद लोगों को नई जिंदगी मिल गई।
दिमागी तौर पर मृत घोषित की जा चुकी एक लड़की का लीवर और किडनी यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में तीन अन्य मरीजों में प्रतिरोपित किए गए। एक चिकित्सक ने बताया कि सोमवार को धुस्मिता बायेन के अंग 170 किमी की दूरी तय कर दो घंटे में वद्र्धमान पश्चिम जिले से कोलकाता सड़क मार्ग से लाए गए। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।
मधुस्मिता की किडनी अभिषेक मिश्रा और मिथुन दलाल को लगाई गईं जबकि लीवर संजीत बाला को प्रतिरोपित किया गया। बांकुरा जिले के मेजिया की रहने वाली मधुस्मिता कुछ दिन पहले कोमा में चली गई थी। शनिवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। उसके कॉर्निया आई बैंक में रखे गये हैं। उसके माता-पिता ने कहा कि उन्होंने बेटी के अंगदान का फैसला इसलिए लिया ताकि दूसरों को जीवन मिल सके और उनकी बेटी इस रूप में जीवित रहे।