लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मध्य प्रदेश से लम्बे दौरे से गुरुवार को लखनऊ लौटी हैं। जिलों के दौरे से लौटने के बाद शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यपाल से मिलेंगे। मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
यूपी के साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल का भी दायित्व निभा रहीं आनंदीबेन पटेल 10 मई को यहां से मध्यप्रदेश गईं थी। 17 दिनों बाद वह गुरुवार सुबह वापस लखनऊ आ गई हैं। दस मई से भोपाल में प्रवास कर रही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिन में 12 बजे राजभवन के अधिकारियों ने भेंट की। राज्यपाल का आज देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात का कार्यक्रम है। उन्होंने शाम को सात बजे सीएम योगी आदित्यनाथ को मिलने के लिए भी अपना समय दिया है।
राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मध्य प्रदेश से लखनऊ आई हैं। शाम को राज्यपाल से मिलने मुख्यमंत्री आएंगे। वैसे तो इसे शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है क्योंकि अमुमन महीने में दो बार मुख्यमंत्री, राज्य पाल से मिलते हैं। चूंकि पिछले 17 दिनों से राज्यपाल यहां नहीं थी इसलिए उनके लखनऊ पहुंचते ही मुख्यमंत्री उनसे मिलने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम को बस्ती दौरे से वापस आने के बाद शाम को सात बजे राजभवन जाकर राज्यपाल से भेंट करेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्यपाल के बीच आज शाम को होने वाली भेंट को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के बाद से योगी मंत्रिमंडल और प्रदेश भाजपा संगठन में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है। वायरल चर्चाओं के केंद्र में मोदी के करीबी अरविंद शर्मा हैं। नौकरशाही छोड़ पिछले दिनों भाजपा में शामिल होने के बाद जिस तरह से उन्हें एमएलसी बनाया गया उससे यही चर्चा चारों तरफ है कि उन्हें योगी मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम बनाकर अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही मंत्रियों के रिक्त छह पदों को भरने के लिए कुछ और फेरबदल संगठन में भी हो सकता है।
माना जा रहा ही कि अभी राज्यपाल को शनिवार तक भोपाल में रहना था। उनकी इस तरह से वापसी को लेकर 2022 के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार के कयास भी तेज हो गए हैं। संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के लखनऊ आने और बैठकों के बाद वापस जाने के बाद मुख्यमंत्री का राज्यपाल से मिलना और राज्यपाल का अपने कार्यक्रम निरस्त करके तत्काल राजधानी पहुंचना यह दर्शाता है कि प्रदेश में अर्थात कुछ तो बड़ा बदलाव होने वाला है।माना जा रहा है उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार 28 या 29 मई के बीच में होगा। राजभवन ने मंत्रिमंडल विस्तार का समय और तारीख अभी फाइनल की है, इसके बाद भी वहां पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
दूसरी बार मंत्रिमंडल का होगा विस्तार: प्रदेश में 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। इसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। चेतन चौहान और कमला रानी वरुण के बाद हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप का निधन हो गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में छह स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद तीन नए चेहरों के साथ राज्यमंत्री को मिलाकर 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और 11 विधायक को राज्य मंत्रियों को उत्तर प्रदेश सरकार में जगह दी गई थी।
प्रदेश सरकार में छह मंत्रियों की जगह खाली: योगी आदित्यनाथ सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा समय में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं। इस तरह से यूपी सरकार में फिलहाल 54 मंत्री हैं। अभी भी इस सरकार में छह मंत्रियों के पद खाली हैं। चुनावी वर्ष 2022 के नजदीक होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार में कुछ नए लोगों को शामिल कर सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकते हैं।