रायपुर: गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर पहुंचे तो वहां रोजगार की बात की। बकावंड ब्लाक स्थित मंगनार गोठान का अवलोकन किया और जनसमूह से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने यहां भाषण देने के बजाय गोठान में पहले पैदल घूम कर सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन इकाई, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, वेस्ट डिकम्पोस्ट उत्पादन इकाई, गोबर गमला एवं दीया निर्माण, केंचुआ खाद निर्माण, मधुमक्खी पालन, मछली पालन और कुक्कुट पालन गतिविधियों को देखा।
मंगनार गोठान में 14 समितियों के माध्यम से 140 ग्रामीण प्रतिमाह तीन से छह हजार रुपये कमाने लगे हैं। सीएम ने कहा यह हमारी सरकार की उपलब्धि है। सरकार की मंशा है कि हर गांव में गोठान बने और रोजगार का सृजन हो। उन्होंनेे गोठान में दियारी पर्व में शामिल होकर गोवर्धन पूजा किया और क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल से इसके महत्व को जाना। स्वसहायता समूहों की महिलाओं के साथ दोपहर का भोजन किया और तिवड़ा दाल की जमकर तारीफ की।
मुख्यमंत्री के मंगनार गौठान पहुंचने पर पारंपरिक गेड़ी नृत्य और पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री बघेल ने गोठान में जनसमूह से राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने राशन का चावल, बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट, वनाधिकार पट्टा वितरण, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और उसके भुगतान, गोबर खरीदी तथा गांवों में गौठान निर्माण और संचालन के बारे में पूछा।
उन्होंने स्थानीय किसानों से चर्चा के दौरान बताया कि राज्य सरकार आने वाले समय में कोदो, कुटकी की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाकडाउन के दौर में भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और गोठानों में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने कहा कि हर हाथ को काम मिले यह कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीणों की आय बढ़ाने और गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कई नई पहल की गई है। बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कहा कि बस्तर के एक-एक गरीब एवं आदिवासी परिवार के विकास से ही समूचे बस्तर का विकास होगा।