विधानसभा में बजट की सामान्य चर्चा के दूसरे दिन बुधवार को विपक्ष ने जहां आंकड़ों को पेश कर सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं, सरकार ने भी केंद्र और दूसरे भाजपा शासित राज्यों के बजट से राज्य के बजट की तुलना करते हुए आंकड़े पेश किए और राज्य के बजट को बेहतर बताया। साथ ही उन्होंने रमन सिंह के शासनकाल के आंकड़ों की भी विभागवार तुलना भी की।
सीएम ने कहा कि किसी भी रूप में आपके शासनकाल से कहीं कोई कमी नहीं आई है। चाहे बात पुल- पुलिया की हो, सड़क की हो या फिर प्राथमिक स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करने की हो। सीएम ने कहा कि हम डाउन टू अर्थ है समस्या तो उनको हो रही है, जिनको शीर्षासन करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को गलत बताते हुए तंज कसते हुए कहा कि आपके आंकड़े कहीं से मेल नहीं खा रहे थे। सीएम ने कहा कि विकास मूलक कार्यों में बजट का 77 प्रतिशत खर्च किया जाएगा।
पूर्व सीएम रमन सिंह के गारंटी लेने की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कर्ज लेने के लिए गारंटी देने की शुरुआत आपकी सरकार के समय में शुरू हुई थी। आपके समय में लगे होर्डिंग के पैसे का कर्ज हम अभी तक चुका रहे हैं। चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा बार- बार 36 हजार करोड़ कर्ज लेने की बात के जवाब में सीएम ने कहा कि कर्ज क्यों लेना पड़ा। बीते तीन साल में राज्य को केंद्र से जो पैसा मिलना था, नहीं मिला। जीएसटी का पैसा केंद्र ने नहीं दिया।
आज इस प्रदेश में जो भी घाटा हो रहा है, उसके लिए राज्य सरकार नहीं बल्कि आपकी दिल्ली में बैठी हुई केंद्र सरकार दोषी है। सीएम ने कहा कि हाथ- पैर बांध दिए हैं और दौड़ने की बात कहते हैं। केंद्र से मिलने वाले पैसे का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि 18 हजार करोड़ आपने नहीं दिया है। कैसे काम करेंगे।
उन्होंने आंकड़ों के जरिए छत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन को भारत सरकार के वित्तीय प्रबंधन से बेहतर बताया। सीएम ने शराब पर सेस लगाने और कमाई करने के विपक्ष के आरोप पर कहा कि जब तक जनजागरण नहीं होगा तक तक कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। अभी राज्य की वितीय स्थिति ठीक नहीं है, दिल्ली वाले भी पैसा नहीं दे रहे हैं। हमने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का उल्लेख किया है जरूर बंद करेंगे।