भिलाई. नगर पालिक निगम भिलाई के वार्ड परिसीमन मामले में सोमवार को उच्च न्यायालय बिलासपुर में सुनवाई हुई। शासन के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। अब 27 जनवरी बुधवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। संभावना जताई जा रही है कि बुधवार को न्यायालय का फैसला आ जाएगा। परिसीमन विवाद के फैसले का सभी राजनीतिक दलों को इंतजार है। इससे भिलाई नगर निगम चुनाव का समय निर्धारित हो सकेगा।
न्यायालय में चुनौती दी
जिला प्रशासन द्वारा किए गए परिसीमन को छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 और वार्डों का विस्तार नियम 1994 के विपरीत, पूरी तरह अवैधानिक और व्यक्ति विशेष को राजनीतिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्षद रिंकू राजेश प्रसाद ने पृथक, पार्षद पीयूष मिश्रा, बशिष्ठ नारायण मिश्रा और शाहीन अख्तर(संयुक्त रूप से) तथा निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष जे. संजय दानी और जय प्रकाश यादव (संयुक्त रूप से) से न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने परिसीमन को खारिज कर नए सिरे से दोबारा कराए जाने और तब तक निगम चुनाव नहीं कराए जाने का आग्रह न्यायालय से किया है।
स्थगन आदेश दे दिया था
इससे पहले 8 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई में जस्टिस पीएस कोसी की अदालत ने परिसीमन पर स्थगन आदेश दिया था। बाद में दूसरी सुनवाई में जस्टिस गौतम भादुड़ी की अदालत में राज्य शासन और नगर निगम प्रशासन ने अपना पक्ष रखा। उनके अधिवक्ता ने नगर निगम चुनाव में दी और जनगणना का कार्य प्रभावित होने की दुहाई देते हुए स्टे हटाने का आग्रह अदालत से किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। न्यायालय में याचिका के निराकरण होने तक नगर निगम का चुनाव नहीं हो सकेगा। इसलिए सभी राजनीतिक दल की निगाहें टिकी हुई है।