मास्को। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हत्यारा बताए जाने वाले बयान के बाद अब पुतिन ने भी उन्हें जवाब दिया है लेकिन बेहद शालीनता के साथ। उन्होंने कहा है कि वो बाइडन के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ शुक्रवार या फिर सोमवार को बात करेंगे। रूसी अखबार स्पूतनिक की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन रेडियो पर प्रसारित एक संदेश में अपने समकक्ष बाइडन को बातचीत का न्यौता देते हुए कहा है कि बातचीत का आधार केवल वही होना चाहिए जिन पर हम दोनों साथ चल सकते हों। ये बातचीत बिना किसी समय गंवाए सीधी होनी चाहिए। ये रूस और अमेरिका और दूसरे देशों के लोगों के हित में भी होगा।
उन्होंने कहा है कि 'हम दोनों ही एक दूसरे से भलीभांति परिचित हैं। इसलिए मै अब उनके बयान के बारे में क्या प्रतिक्रिया दूं। मैं बस इतना ही उनसे कहना चाहता हूं कि वो स्वस्थ्य रहें। उन्होंने ये भी कहा कि उनके इस बयान को मजाक में न लिया जाए। वे इस बाबत कोई मजाक नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इतिहास की तरफ देखें तो पूर्व में काफी मुश्किल हालात रहे हैं। इतिहास बताता है कि दोनों देशों ने खूनी दौर भी देखा है। लेकिन जब हम लोगों की बात करते हैं और दोनों देशों की बात करते हैं और इतिहास के आइनें में झांकते हैं तो हम वहां पर खुद को भी पाते हैं।'
पुतिन ने कहा कि अमेरिकी शासन वर्ग का गठन यूरोप द्वारा महाद्वीप पर मिली जीत के साथ हुआ था। लेकिन वो हकीकत में वहां की स्थानीय आबादी के प्रत्यक्ष जनसंहार था। उनके मुताबिक 'अमेरिका और अमेरिकी नेताओं ने रूस के साथ हमेशा ही अपने हितों को ध्यान में रखते हुए संबंध स्थापित किए हैं। ये संबंध वहीं तक सीमित रहे हैं जहां तक उनका हित जुड़ा रहा है। वो समझते हैं कि हम एक हैं लेकिन हम वास्तव में अलग हैं। हमारे रीति-रिवाज, हमारे तौर तरीके, हमारा जेनेटिक और बहुत कुछ उनसे अलग है। उन्हें हमारे विकास में बाधा डालने के सभी प्रयासों के बावजूद उस के साथ रहना होगा। इसलिए प्रतिबंध हों या फिर अपमान उन्हें हमारे साथ ही मिलकर रहना होगा।'
आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति का ये बयान राष्ट्रपति बाइडन के उस बयान के जवाब में आया है जिसमें उन्होंने रूस को अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव प्रभावित करने के आरोप में अंजाम भुगतने की बात कही थी। उन्होंने अपने बयान में रूस पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही थी। इस बयान के बाद रूस ने अमेरिका में तैनात अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। स्पूतनिक के मुताबिक राजदूत को मौजूदा हालातों पर विचार विमर्श के लिए बुलाया गया था।