वाशिंगट । चीन जो हर मोर्चे पर अमेरिका को टक्कर देने की कोशिश करता है और अमेरिका जैसा रुतबा पाने का ख्वाहिशमंद है उसका दुनिया में कोई सहयोगी नहीं है जबकि अमेरिका के पूरी दुनिया में कई सहयोगी हैं जो उसको हर तरह की मदद देने के लिए भी तैयार रहते हैं। ये बातें अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सांसदों को हाउस एप्रोप्रिएशन सबकमेटी ऑन डिफेंस संबोधन के दौरान उस समय कहीं जब रक्षा मंत्रालय के वर्ष 2022 के बजट के लिए चर्चा हो रही थी। उन्होंने सदस्यों को बताया कि चीन के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने अपना काम पूरा कर लिया है और वो भविष्य में चीन के उभरते खतरे को देखते हुए आगे की योजना पर काम कर रही है।
ऑस्टिन ने बताया अमेरिका का मौजूदा समय में इंडो-पेसेफिक क्षेत्र में मजबूत सहयोगी है। उन्होंने कहा कि आप सभी ने देखा होगा कि हाल ही में अमेरिका ने अपने सहयोगियों को और मजबूत करने की कोशिश की है। इसके लिए उन देशों का दौरा भी किया गया। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी कई देशों के दौरे पर गए। अमेरिका का इस दौरान काफी जोर इंडो-पेसेफिक क्षेत्र में अने सहयोगियों पर रहा। ये सभी दौरे काफी अहम थे और पूरी तरह से सफल रहे। उन्होंने इस मौके पर भारत के दौरे का भी जिक्र किया। चीन जिक्र करते हुए ऑस्टिन ने कहा कि उसकी नजरें साइबरस्पेस में लगी हुई हैं। लेकिन इस क्षेत्र में भी चीन के लिए अमेरिका एक कड़ी चुनौती है।
इस बीच कांग्रेस के सदस्य स्कोट फ्रेंकलिन ने चीन को रिम ऑफ पेसेफिक में शामिल होने से पूरी तरह रोकने के लिए एक बिल भी पेश किया। उनका कहना था कि एक तरफ चीन शिनजियांग प्रांत में उइगरों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार कर रहा है। उन्होंने चीन पर शिनजियांग प्रांत में नरसंहार करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि चीन लगातार इस प्रांत में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। चीन की इस करतूतों के खिलाफ पूरी दुनिया को आवाज उठानी चाहिए। अमेरिका को भी इस बारे में चीन के खिलाफ और सख्त कदम उठाने चाहिए। उनका कहना था कि उनके द्वारा पेश किया गया बिल चीन को उसकी करतूतों के लिए जवाबदेही बनाएगा।