नई दिल्ली। हमारी पिछली रिपोर्ट में हमने तथ्यों व आंकड़ों के साथ यह बताया था कि बाजार पिछले चार शुक्रवार को गिरा है। इस हफ्ते सीन कुछ अलग था। उन्होंने हफ्ते की शुरुआत से ही बिकवाली की और वीकली एक्सपायरी के दिन गुरुवार को निफ्टी को 14567 पर ले आए। निफ्टी 14700 के मनोवैज्ञानिक सपोर्ट लेवल से नीचे चला गया था। शुक्रवार को बाजार की शुरुआत और खराब हुई। एक शॉर्प यू-टर्न लेने से पहले निफ्टी 14371 के निम्न स्तर तक चला गया था। हमने इस यू-टर्न को भांप लिया और हमने निफ्टी में 14,456 के स्तर पर 15,300 और इंट्रा डे में 14750 प्लस के टार्गेट के लिए खरीदारी की कॉल जारी की। निफ्टी ने न केवल 14750 के स्तर को पार किया, बल्कि यह 14800 के पार भी गया। इंट्रा-डे में 430 अंक का उछाल एक बड़ी बात है। अब हम विश्लेषण करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ ...
इससे पिछले सप्ताह में ट्रेडर्स ने पांच दिन उछाल में बिकवाली का आनंद लिया था और हफ्ते के आखिरी सत्र के दूसरे आधे भाग में गिरावट देखकर खुश थे। उन्होंने बीते शुक्रवार को भी निफ्टी को शॉर्ट करने का तय किया था। लेकिन वे 14370 के स्तर पर बिकवाली से डर रहे थे। जब निफ्टी ने 14567 के स्तर को पार किया तो वह हरे निशान पर आ गया था। इसके बाद उन्होंने फिर बिकवाली शुरू की। निफ्टी में उस समय अस्थिरता थी। वह 14648 तक गया और वापस गिरकर 14500 पर आ गया। इससे शॉर्ट सेलर्स को कुछ कंफर्ट मिला। उन्हें लगा कि वे सही दिशा में हैं। पिछले 4 शुक्रवार का इतिहास उनके दिमाग में घूम रहा था। लेकिन अंतत: निफ्टी ने रफ्तार पकड़ ली और 14800 के करीब पहुंच गया। यह स्क्रीन एनालिसिस है। टिस्को (Tisco) जैसे शेयर 693 से 738 पर पहुंच गए। ऐसे कई अन्य शेयरों में भी इसी तरह की तेजी देखने को मिली। आइए अब हम 2800 अंक की गिरावट के पीछे के कारणों का विश्लेषण करते हैं।
हमें हमारे दिमाग में यह स्पष्ट कर लेना चाहिए कि एफपीआई भारत में बिकवाली नहीं कर रहे हैं, जो आप आंकडों से देख सकते हैं। मार्च में अब तक एफपीआई ने 12000 करोड़ रुपये से अधिक डाले हैं। यद्यपि यह पिछले महीनों के 40-45 हजार करोड़ के आंकड़े से कम है, लेकिन 2800 अंक की गिरावट को देखते हुए यह निश्चित रूप से कम नहीं है। कम से कम हम इतना तो अवश्य कह सकते हैं कि एफपीआई बिकवाल नहीं हैं। वास्तव में यूएस फेड ने अगले महीने से 80 बिलियन यूएस बॉन्ड खरीदने को अनुमति दी है, इसका मतलब है कि भारत को भी दोबारा हर महीने 6 बिलियन डॉलर मिलने शुरू होंगे, जिसका मतलब है कि दोबारा 40-45 हजार करोड़ की आवक देखने को मिल सकती है। यह दर्शाता है कि हम हमारे निफ्टी के अनुमान 15900 से 16600 की तरफ बढ़ रहे हैं। इस तरह निफ्टी को लेकर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
जहां तक डीआईआई की बिकवाली की बात है, तो वे पिछले 10 महीनों से बेच ही रहे हैं, तो इससे फर्क नहीं पड़ेगा। हां, म्युचुअल फंड रिडेम्प्शन के दबाव के चलते कुछ अधिक बिकवाली कर रहे हैं। इसके बारे में हम आने वाले पैराग्राफ में बात करेंगे।
बिकवाली वास्तव में ऑपरेटर्स से आई थी। इसकी पुष्टि पॉजिशन अनवाइंडिंग से भी होती है। निफ्टी में ओआई 1.31 करोड़ शेयरों से घटकर 79 लाख शेयरों पर आ गई। बिक्री इसलिए हुई, क्योंकि पिछले 2 से 3 हफ्तों में फंडर्स ने बड़ी फंडिंग वापस ले ली थी। उन्होंने यह निकासी वित्त वर्ष के आखिरी समय को देखते हुए की, जिससे साल के आखिर में बुक्स में एंट्री नहीं दिखे। यह एक नॉर्मल प्रैक्टिस है। यहां तक कि एनबीएफसी भी साल के अंत में अकाउंट बंद कर देते हैं। दूसरा यह कि बैंकर्स व NBFC ने Ipo के बंडल (10 से अधिक आईपीओ) के लिए बड़ा पैसा डाइवर्ट किया और कुछ सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने में लगे हैं। तीसरा कारक 1 वर्ष में 7500 से 15000 की रैली थी, जिसका मतलब है कि बड़े कॉरपोरेट ऑपरेटर्स की बुक्स में भारी मुनाफा और एफपीआई को 15 मार्च को अग्रिम भुगतान की जरूरत होती है। आमतौर पर वे पहले की किस्त को भी 15 मार्च तक के लिए स्थगित करना पसंद करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें फायदा होता है। हमारे मूल्यांकन के अनुसार, कुल प्रभाव 80000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी का था, जिससे बाजार का प्रभावित होना निश्चित था। आखिरी बात यह है कि इन मुद्दों के चलते म्युचुअल फंड्स में भारी रेडेम्प्शन था और इसलिए म्युचुअल फंड्स बिकवाल बन गए। यह एक दुष्चक्र था।
यह सब गुरुवार की एक्सपायरी में पूरा हो गया, क्योंकि मंथली एक्सपायरी के लिए केवल 5 सत्र शेष थे और 27 मार्च से 2 अप्रैल तक छुट्टियों के कारण इसे समय पर पूरा करना पड़ा। अब शुक्रवार को बाजार क्यों गिरा? चैनल की जांच करने से पता चलता है कि जो लोग बाजार को नियंत्रित करते हैं, वे ही निफ्टी द्वारा 14780 का स्तर तोड़ने पर इसमें शॉर्ट्स में फंस गए थे। हमेशा ओवर रिएक्शन का मामला होता है। ऑपरेटर्स का मानना था कि वित्त वर्ष के अंत से पहले स्थिति में सुधार नहीं होगा, इसलिए उन्होंने शॉर्ट करने का फैसला लिया। उनका मानना था कि निफ्टी अब 14000 तक आ जाएगा और 25 मार्च 2021 के बाद ही रिवर्स होगा। लेकिन इस बार Fpi की योजना अलग थी और उन्होंने खरीदना शुरू कर दिया। .82 पीसी रेश्यो और .79 crs निफ्टी ओआई के साथ बाजार में बड़ी गिरावट देखना असंभव था। शुक्रवार को पहले 15 मिनट की गिरावट में अग्रेसिव शॉर्ट्स फंसे और इसलिए निफ्टी ने उछाल ली। यही कारण है कि यह 14800 तक पहुंच गया है। अब सोमवार को अगर यह 14900 को पार कर जाता है, तो हम गुरुवार को 15350 पर क्लोजिंग देख सकते हैं, क्योंकि यह वित्त वर्ष का अंत है और 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी के बाद बाजार का उच्चतम स्तर पर बंद होना बनता है।
आगे बढ़ते हुए हम मानते हैं कि यदि आप लॉर्ज कैप में 1x लाभ देखेंगे तो मिडकैप में लाभ 5x होगा और स्मॉल कैप में अगले 3 वर्षों में 10x हो जाएगा।
हालांकि, जो लोग गिरावट में खरीदारी करने के फंडे को फॉलो करते हैं, वे उस समय भी मार्केट को एंजॉय करते हैं, जब सेंसेक्स 2800 अंक गिर जाता है। क्योंकि केवल यह ही खरीदारी का मौका देता है और उस समय बेचने का अधिकार देता है, जब दूसरे लोग उत्साह में खरीद रहे होते हैं। सभी सीएनआई सदस्यों ने इसका आनंद लिया, क्योंकि हमने उन्हें केवल शुक्रवार को ही 1400 अंक की रैली देखने का अवसर दे दिया। यहाँ से हम बहुत तेजी से नया उच्च स्तर देखेंगे। कुछ घंटों में ही टिस्को जैसे स्टॉक में 6 फीसद का रिटर्न, यूएसए के वार्षिक बॉन्ड यील्ड से 3 गुना अधिक है। भारत आने वाले महीनों में अन्य 3 लाख करोड़ रुपये की आवक देखेगा। अब लॉर्ज कैप में कम स्पेस है। मिड कैप और स्मॉल कैप में बड़ा इनफ्लो देखने को मिलेगा, जो पांच गुना से 10 गुना तक मुनाफे के संकेत देता है। इसलिए निवेश करते रहिए।