नई दिल्ली। मिड कैप कंपनियों का कारोबार उभर रहा है और वे उच्च वृद्धि के दौर से गुजर रही हैं। ये बड़ी पूंजी और कम पूंजी वाली कंपनियों के बीच ऐसी जगह पर है, जहां बड़ी कंपनियों से बेहतर वृद्धि और छोटी कंपनियों की तुलना में कम जोखिम है। आमतौर पर उद्यम अपने कारोबार के इस दौर में बेहतरीन वृद्धि और और सबसे ज्यादा मुनाफा देते हैं। ऐसी स्थिति में हमारे लिए यह मौका होता है कि कल के विजेता को चिह्नित कर सकें और उनकी सफलता की कहानी में शामिल हो सकें। इस तरह से मिड कैप कंपनियां या मिडकैप लंबे समय के हिसाब से बहुत शानदार संपत्ति सृजन करने वाली रही हैं।
पिछले 4 साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में तमाम ढांचागत सुधार हुए हैं, जिनमें नोटबंदी, दिवाला संहिता, जीएसटी, रेरा और कॉर्पोरेट कर कम किया जाना शामिल है। इनसे कई व्यवसायों के संचालन के तरीके पर उल्लेखनीय असर पड़ा है। पिछले 10 साल के दौरान कुछ सेक्टर और उद्योग बहुत ज्यादा मंदी में चले गए हैं। इन बदलावों ने मिड कैप कंपनियों पर असर डाला है और यह असर स्थापित और बड़ी कंपनियों की तुलना में बहुत ज्यादा रहा है। नए माहौल से तालमेल करने के बाद ये मिड कैप कंपनियां अब रिकवरी की ओर बढ़ रही हैं।
बड़ी कंपनियों के मानक सूचकांकों के हिसाब से देखें तो मिड कैप कंपनियां निम्न से शानदार प्रदर्शन के दौर से गुजर रही हैं। आमतौर पर खराब प्रदर्शन के दौर के बाद बहुत शानदार प्रदर्शन का दौर आता है। मिड कैप कंपनियां इस समय 3 साल के खराब प्रदर्शन के दौर से अब बाहर निकलने के चरण में हैं और हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे अगले 3 से 5 साल की अवधि के दौरान शानदार प्रदर्शन करेंगी।
बाजारों के ध्रुवीकरण में हम देख रहे हैं कि मिडकैप के कुछ स्टॉक और क्षेत्र बहुत ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी स्टॉक और सेक्टर हैं, जिनका बाजार में प्रदर्शन बेहतर नहीं है। कुछ चुनिंदा मिड कैप कंपनियों ने 2018 के मध्य से 2020 के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहीं बहुसंख्य मिड कैप कंपनियों ने निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक पर बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है और वे आकर्षक मूल्यांकन पर उपलब्ध हैं। यह विचलन हमें शेयर चुनने का बेहतर मौका दे रहा है।
मिड कैप कंपनियों में हमारा ध्यान उभरते उच्च वृद्धि की क्षमता वाले क्षेत्रों, बड़े उद्यमों में बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रही कंपनियों या बाजार में मजबूत स्थिति हासिल कर रही कंपनियों, संगठित क्षेत्र में जाने की लाभार्थी कंपनियों, आत्मनिभर्र भारत और बुनियादी ढांचा सृजन जैसी सरकार की नीतियों की लाभार्थी कंपनियों पर है।
इस साल के बजट ने भी वृद्धि के संकेत दिए हैं और हम देख रहे हैं कि करीब 12 साल के बाद कमाई बढ़ाने का दौर वापस आ रहा है। हम उन कंपनियों की ओर भी ध्यान केंद्रित करेंगे, जो चक्रीय क्षेत्रों का हिस्सा बन रही हैं और आकर्षक मूल्यांकनों पर कारोबार कर रही हैं।
इस तरह से हम पाते हैं कि अगले 3 से 5 साल के दौरान मिड कैप कंपनियों के टिकाऊ बने रहने की सभी वजहें मौजूद हैं। बाद बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की तुलना में मिड कैप कंपनियां अब 3 साल के खराब प्रदर्शन के खराब दौर से बाहर निकल रही हैं। तमाम मिड कैप कंपनियों के शेयरों का मूल्यांकन, खासकर ज्यादा चक्रीय क्षेत्रों में, उनके दीर्धावधि औसत से कम है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद के साथ कमाई में वृद्धि की संभावनाओं में भी सुधार हो रहा है।
इस तरह से आज मिड कैप कंपनियां कमाई में बेहतरीन वृद्धि और दीर्घावधि औसत मूल्यांकन के नीचे के स्तर से दीर्घावधि औसत से ऊपर आने के दोहरे लाभ की पेशकश कर रही हैं। इस तरह हमें लगता है कि मिड कैप कंपनियों में निवेश से मध्यम और लंबी अवधि के हिसाब से बेहतर मुनाफा मिलेगा। अगले 5 साल में बगैर जोखिम के बेहतरीन मुनाफा हो सकता है और यह संपत्ति सृजन का शानदार मौका दे रहा है।
डिस्क्लेमरः किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल प्लानर की राय जरूर लें। निवेश के बाद किसी भी तरह के नफा-नुकसान के लिए दैनिक जागरण जिम्मेदार नहीं होगा।