रायपुर। छत्तीसगढ़ सिख संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन देकर मांग की है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल के पाठ्यक्रम में गुरु तेगबहादुर की जीवनी को शामिल किया जाए।
400 वां प्रकाश पर्व से पूर्व पाठ्यक्रम में जगह दें
ज्ञापन में कहा गया है कि इस साल गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व अप्रैल 2021 में धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे पूर्व पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि अगले सत्र से बच्चों को उनके बारे में जानकारी दी जा सके।
हिंदू धर्म की रक्षा की
गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी। वे मुगल शासकों के आगे नहीं झुके और मुगलों से संघर्ष करते हुए जीवन का बलिदान कर दिया। उनकी वीरतापूर्ण जीवन गाथा से प्रेरणा लेने का संदेश देने के लिए छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। इससे गुरुजी के जीवन का दर्शन बच्चों को समझने का अवसर मिलेगा।
हिंद की चादर
गुरु तेगबहादुर को हिंद की चादर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने दिल्ली में अपने जीवन की शहादत दी थी। इसके बाद ही उनके सुपुत्र गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस अवसर पर रायपुर उत्तर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा के नेतृत्व में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह चावला, संगठन के संस्थापक हरपाल सिंह भामरा, परमिंदर सिंह भाटिया, गुरजीत सिंह संधू, लवली अरोरा, गुरमीत सिंह टोनी, हरकिशन सिंह राजपूत, महासचिव बलजीत सिंह भल्ला, गुरमीत सिंह ,राजेंद्र सिंह होरा, गुरभेज सिंह, गुरुचरण सिंह टांक, जसवीर सिंह गुम्मर आदि मौजूद थे।