कोरबा. अब कोरोना साइलेंट अटैक (Corona silent attack) कर रहा है। लोगों की कोरोना की रिपोर्ट तो नेगेटिव (Corona report Negative) आ रही है, लेकिन पहले खांसी और फिर सांस लेने में दिक्कत होने पर जब चेस्ट का सीटी स्कैन कराया जा रहा है तब पता चल रहा है कि लंग्स 80 फीसदी तक इंफेक्टेड (Lungs infected) हो चुके हैं। कोरबा में अब तक ऐसे 52 मरीज सामने आए हैं जिनकी एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन फेफड़ों में इंफेक्शन था।
कोरोना के लक्षण खांसी, बुखार और जुकाम लक्षण माने जाते थे, लेकिन अब सांस लेने में समस्या, कमजोरी, थकान और दर्द मुख्य लक्षण हो गए हैं। वर्तमान में किसी की कोरोना रिपोर्ट जांच करने के लिए एंटीजन टेस्ट लिया जा रहा है, जिसे नाक से लिया जाता है। डॉक्टरों का मानना है कि कई बार नाक से वायरस पहले थ्रोट (गला) और फिर लंग्स तक पहुंचता है। इस वजह से कई बार एंटीजन टेस्ट में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है। ऐसे में मरीज बेफिक्र हो जाता है। लेकिन जब लंग्स में इंफेक्शन शुरु होता है तो पहले मरीज को तेज खांसी आती है। वे कुछ दिन तक खांसी का इलाज करते रहते हैं। जब सांस लेने में तकलीफ होने लगती है तो मरीज डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। लंग्स का सीटी स्कैन कराने पर पता चलता है कि फेफड़े में इन्फेक्शन काफी बढ़ चुका होता है।
मेडिकल भाषा में इस तरह समझे : फेफड़े में दो भाग होते हैं। एक भाग में तीन और दो भाग में दो लोब्स होते हैं। जब निमोनिया होता है तो यह ऊपरी हिस्से को संक्रमित करता है, लेकिन कोरोना मरीजों के पांचों लोब्स संक्रमित हो रहे हैं। रेडियोलॉजिस्ट इनके क्लीसीफिकेशन के आधार पर सीडीएस का स्तर बताते हैं। सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों के लिए होती है जो कि 60 से अधिक उम्र, डायबिटीज, अस्थमा के मरीज हैं या फिर काफी ज्यादा स्मोकिंग करते हैं।
नॉन कोविड निजी अस्पतालों में भी एंटीजन टेस्ट की मांगी अनुमति
ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें शुरुआती रिपोर्ट नेगेटिव आई है, बाद में स्कैन कराने पर पता चल रहा है कि लंग्स संक्रमित हो चुके होते हैं। आईसीएमआर की नई गाइडलाइन के मुताबिक एंटीजन टेस्ट आने पर उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है।
डॉ.बी.बी. बोर्डे, सीएमएचओ, कोरबा
जान पर आफत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस की चपेट में आए रोगी के फेफड़े सफेद हो जाते हैं। फेफड़ों के छेद बिल्कुल बंद और झिल्लियां मोटी होने से ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। ऑक्सीजन नहीं मिलने से हालत बिगड़ती चली जाती है। कोरोना का ये बदला हुआ रूप ज्यादा नुकसान कर रहा है।
आईसीएमआर की नई गाइडलाइन, एंटीजन नेगेटिव आने पर पीसीआर टेस्ट करवाएं
इसे देखते हुए हाल ही में आईसीएमआर ने एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक अगर एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आई है तो आरटी पीसीआर टेस्ट तत्काल कराए जाए। अगर शरीर में 80 फीसदी तक वायरस है तो ही एंटीजन टेस्ट में यह पकड़ा जाता है, लेकिन अगर यह दर 30 फीसदी तक भी है तो आरटी पीसीआर टेस्ट से जांच कराने पर रिपोर्ट सही आती है। अभी इसकी रिपोर्ट आने में चार से पांच दिन का समय लग रहा है।
ऑक्सीजन लेवल 95 से कम होने पर ना करें देर
डॉक्टरों के मुताबिक जो लोग घरों में आइसोलेट हैं उनके लिए भी जरूरी है कि हर दिन शरीर के ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहे। लोग दवाईयां तो खा रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन लेवल की जांच नहीं कर रहे। अस्पताल पहुंचते तक यह लेवल 30 फीसदी तक हो जाता है इसलिए जान बचाना मुश्किल हो जाता है।