भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय छात्रावास शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड और महाविद्यालयीन परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावासों का संचालन आरंभ किया जा रहा है। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन अनिवार्य होगा। इस निर्णय से विद्यालय स्तर के सामान्य छात्रावास और आवासीय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लगभग 34 हजार और महाविद्यालयीन स्तर के 8 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। प्रदेश में 1195 सीनियर छात्रावास, 152 महाविद्यालयीन छात्रावास, 126 विशिष्ट संस्थाएं जैसे आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय और गुरूकुलम विद्यालय जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित हैं। प्रदेश के सभी छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अभिभावकों की सहमति आवश्यक
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छात्रावासों में साफ-सफाई, स्वच्छता सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छात्रावासों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को ही रहने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए नहीं होगी। आश्रम, जूनियर छात्रावासों को अभी नहीं खोला जाएगा। छात्रावासों में रहने के लिए अभिभाविकों की सहमति आवश्यक होगी।
विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की होगी व्यवस्था
प्रत्येक छात्रावास में अलग से एक क्वारंटाइन रूम बनाया जाएगा। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए लागू गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए छात्रावास अधीक्षकों का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण कराया जाएगा। प्रत्येक छात्रावास निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र के साथ संबद्ध किया जाएगा। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक का मोबाइल नंबर छात्रावास के सूचना पटल पर लिखा जाएगा। छात्रावासों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था होगी। सभी संभागीय, जिला तथा विकासखंड स्तर के अधिकारियों और प्राचार्यों को छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।