नई दिल्ली : दिल्ली में आदिवासी कला का हुनर दिखेगा। आदिवासी कला संस्कृति से परिचय कराने वाला आदि महोत्सव शुक्रवार से पंद्रह दिन के लिए दिल्ली हाट में शुरू हो रहा है। इस महोत्सव में अपने हुनर का प्रदर्शन करने के लिए सामान लेकर देश भर से 600 कलाकार आ रहे हैं। इतना ही नहीं आदिवासी व्यंजनों से आपको मुखातिब कराने के लिए 20 राज्यों से 80 आदिवासी शेफ भी वहां मौजूद होंगे। मनोरंजन के लिए 14 नृत्य समूह 200 कलाकारों के साथ ट्राइबल डांस पेश करेंगे। जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओरांव ने आदि महोत्सव की जानकारी देते हुए कहा कि यह महोत्सव आदिवासी संस्कृति, क्राफ्ट, नृत्य संगीत, व्यापार और खानपान का उत्सव है।
600 कलाकार, 80 आदिवासी शेफ और 200 कलाकारों के 14 नृत्य समूह लेंगे हिस्सा
शुक्रवार को दिल्ली हाट मे इस उत्सव का उद्घाटन होगा। आदि महोत्सव 15 दिन तक चलेगा। महोत्सव की जानकारी देते हुए ओराम ने बताया कि ट्राइफेड ने आदिवासियों को बिचौलियों से मुक्त कराया है। पहले बिचौलिये इनका सामान कम दाम मे खरीदते थे जिससे आदिवासियों को अपनी चीज की सिर्फ 20 फीसद कीमत मिल पाती थी। अब सरकारी संस्था ट्राइफेड सीधे आदिवासियों से सामान खरीदती है और इसे न सिर्फ देशभर के ट्राइफेड शो रूम में बेचा जाता है बल्कि आन लाइन भी बेचा जाता है ताकि देश विदेश मे सीधे माल पहुंचे और लाभ उसे बनाने वाले आदिवासियों को मिले।
आदिवासियों के सामान की कीमत तय करने के लिए समितियां हैं ताकि उन्हें अपनी चीज का उचित मूल्य मिल सके। महोत्सव में आदिवासी हस्तकला, पेटिंग, कपड़े, आभूषण आदि की प्रदर्शनी और बिक्री दोनों होंगीं।
200 से ज्यादा आदिवासी कलाकार दिल्ली हाट में अपने सामन के सौ से ज्यादा स्टाल लगाएंगे। दिल्ली सामान लाने से लेकर स्टाल लगाने तक का सारा खर्च ट्राइफेड उठाता है। ओराम ने कहा कि आदिवासियों का जीवन आदिम सत्य और आंतरिक मूल्यों के साथ प्राकृतिक सादगी का परिचय देता है।