चंडीगढ़(राजिंद्र) : स्विस आर्कीटैक्ट पिआरे जेनरे द्वारा डिजाइन सैक्टर-17 स्थित शहर के मौजूदा डी.सी. ऑफिस बिल्डिंग को नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में बदलने के प्रस्ताव को नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एन.जी.एम.ए.) की टीम ने अप्रूव कर दिया है।
सैक्टर-17 के ब्यूटीफिकेशन प्रोजैक्ट के अंडर ही ये काम होना है। हैरीटेज कमेटी पहले ही इस प्लान को अप्रूव कर चुकी है। इस काम को पूरा करने में एक साल लगेगा। नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट देश का एक प्रमुख संस्थान है, जिसमें आधुनिक और समकालीन भारतीय कला है।
दो दिन के दौरे पर थी टीम :
टीम शहर के दो दिन के दौरे पर थी। 11 और 12 नवम्बर को टीम ने बिल्डिंग विजिट की और चैकिंग के बाद इसे अप्रूव कर दिया। टीम ने कैपिटल कॉम्पलैक्स का भी दौरा किया, क्योंकि वहां पर भी स्टडी के बाद ली कार्बूजिए द्वारा डिजाइन पांच स्कल्पचर्स लगाने हैं।
ये अभी फिलहाल चंडीगढ़ प्रशासन के पास स्टोर में पड़े हैं। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एन.जी.एम.ए.) की टीम ने विजिट के बाद प्रोजैक्ट को अप्रूव कर दिया है और उन्होंने यू.टी. चीफ आर्कीटैक्ट से डी.सी. ऑफिस बिल्डिंग के साइज और एरिया के संबंध में डिटेल मांगी है।
डी.सी. ऑफिस को शिवालिक व्यू के पास किया जाएगा शिफ्ट :
स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सैक्टर-17 स्थित डी.सी. ऑफिस को इसी सैक्टर में बने शिवालिक व्यू होटल के पास खाली पड़ी जगह पर शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए यू.टी. के इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट ने डिपार्टमैंट ऑफ टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग को भी लिखा है कि इस संबंध में बिल्डिंग डिजाइन तैयार किया जाए। अगले साल मार्च माह में इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है। मौजूदा डी.सी. ऑफिस को नैशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में बदलने के साथ ही इसके फ्रंट में एक एम्फीथिएटर का निर्माण भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रशासन ने स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत पूरे सैक्टर-17 का सौंदर्यीकरण करना है और डी.सी. ऑफिस को शिफ्ट करना भी इसमें प्रमुख प्रोजैक्ट शामिल है। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कई प्रोजैक्ट चल रहे हैं। इनमें साइकिल ट्रैक, फुटपाथ, सैक्टर-16, 17 में अंडर पास, सैक्टर-17 में फुटबाल स्टेडियम के आसपास के एरिया को अर्बन पार्क के तौर पर डिवैल्प किया जाना है, जो कि 10 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट है।
दो तरह से होना है काम :
स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत दो तरह से शहर में काम होना है। पहले जो चार मॉडल सैक्टर-17, 22, 35 और 43 चुने गए हैं, उनमें पायलट प्रोजैक्ट के तहत काम होगा, जबकि दूसरा पूरे शहर में पैन सिटी के तहत काम करने का फैसला किया गया है।
इसके तहत पूरा शहर अंडर सर्विलांस होना है। पैन सिटी में पूरे शहर की स्मार्ट आवाजाही पर फोकस रहेगा, जिसके तहत पूरे शहर में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे। शहर पर नजर रखने के लिए स्मार्ट कंट्रोल सैंटर बनाया जाएगा, जिसे करीब 7 विभागों के साथ जोडऩे का प्लान है।