हैदराबाद: संसद में महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने वाले मुख्य राजनीतिक दल तेलंगाना विधानसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में पीछे नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की 100 उम्मीदवारों सूची में सिर्फ 11 महिलाओं का नाम शामिल है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सिर्फ 4 महिलाओं को ही मौका दिया है। 2014 के चुनाव में टीआरएस ने 6 महिलाओं को टिकट दिया था। अकेले चुनाव लड़ रही भाजपा ने 14 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जबकि हैदराबाद में 8 सीटों पर किस्मत आजमा रही एआईएमआईएम ने किसी भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। माकपा के नेतृत्व वाले बहुजन लेफ्ट फ्रंट ने एक समलैंगिक समेत 10 महिलाओं को टिकट दिया है।
टीडीपी ने 14 में से 1 सीट पर महिला उम्मीदवार को उतारा
महिलाओं को टिकट देने के मुद्दे पर अपना रुख साफ करते हुए कांग्रेस की स्टार प्रचारक खुशबू सुंदर ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाने वाली पहली पार्टी थी और सत्तारूढ़ राजग सरकार की लोकसभा में उस विधेयक को पारित कराने की कोई मंशा नहीं है। वहीं, तेलंगाना भाजपा की मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी सीटों के बंटवारे में सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखती है। तेलंगाना में कांग्रेस, टीआरएस के साथ गठबंधन में शामिल तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने खाते की 14 में से 1 सीट पर महिला उम्मीदवार को उतारा है। इस एक सीट पर भी मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की बेटी सुहासिनी चुनाव लड़ रही हैं।