जन्म : 8 नवंबर, 1919
निधन : 12 जून, 2000
पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे यानी पीएल देशपांडे मराठी के लेखक थे। वे अभिनेता, पटकथा लेखक, संगीतकार, फिल्म निर्देशक और वक्ता भी थे। उन्हें महाराष्ट्र का लाड़ला व्यक्तित्व भी कहा जाता था। देशपांडे का साहित्य अंग्रेजी और कन्नड़ के अलावा कई भाषाओं में अनूदित है। उन्हें भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया। उन्होंने मराठी और हिंदी की कई फिल्मों में अभिनय किया, पटकथा और संवाद भी लिखे।
प्रारंभिक जीवन
पीएल देशपांडे का जन्म मुंबई में हुआ था। उनका परिवार पहले ग्रांट रोड पर रहता था फिर वे मुंबई के सारस्वत बाग कॉलोनी में आकर बस गए। यहां देशपांडे ने जीवन के शुरुआती आठ साल बिताए। फिर उनका परिवार विले पार्ले में जाकर रहने लगा। मराठी रंगमंच से जुड़ी सुनीता ठाकुर से उन्होंने विवाह किया।
शिक्षा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पार्ले तिलक विद्यालय में हुई। हाईस्कूल के बाद उन्होंने इस्मेल युसुफ कॉलेज में दाखिला लिया। फिर एलएलबी की शिक्षा उन्होंने सरकारी विधि कॉलेज से ली। एमए की डिग्री 1950 में उन्होंने पुणे के फार्गुसन कॉलेज से ली।
रोते हुए को हंसाना
पुरुषोत्तम देशपांडे का व्यक्तित्व हंसी-ठिठोली का था। वे रोते हुए व्यक्ति को भी हंसा देते थे। एक बार किसी मित्र के साथ वे मराठी फिल्म कलाकार शरद तलवलकर के घर गए, जहां उनके मित्र ने देशपांडे से परिचय करते हुए कहा कि ये मेरे मित्र शरद तलवलकर हैं, सज्जन पुरुष हैं। इस परिचय के बाद देशपांडे बोले सज्जन तो होंगे ही, देखिए जिस नाम में उलटी-सीधी टेडी-मेढ़ी कोई मात्रा तक नहीं लगी है, वह व्यक्ति तो सरल ही होगा। इसी तरह एक बार बाला साहेब ठाकरे बीमारी की वजह से हिंदुजा अस्पताल में दाखिल थे, इस पर पुरुषोत्तम ने कहा कि अब गर्व से कहो कि हम हिंदुजा में है।
पेशेवर जिंदगी
देशपांडे और उनकी पत्नी ने आजीविका के लिए मुबंई के ओरियंट हाई स्कूल में पढ़ाया। पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे ने कुछ सालों तक कर्नाटक के रानी पार्वती देवी और मुंबई के कीर्ति कॉलेज में बतौर प्रोफेसर भी पढ़ाया। उसी समय दूरदर्शन की शुरुआत हुई थी, जहां देशपांडे ने काम किया। वे ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का साक्षात्कार लिया था। उन्होंने कुछ समय बीबीसी में भी प्रशिक्षण लिया। उसके बाद उन्होंने फ्रांस और पश्चिमी जर्मनी में कुछ समय बिताए। इसके बाद उनकी कुछ ट्रैवल डॉक्यूमेंटरी भी आर्इं। वे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में भी पारंगत थे।
सिनेमा में काम
पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे ने मराठी फिल्म कुबेर, भाग्यरेषा, वंदे मातरम में अभिनय किया। जागा भाड्याने देणे अहे, मानाचे पान में पटकथा और संवाद लेखन किया। उन्होंने अंमलदार, गुलाचा गणपति, देवबाप्पा आदि फिल्मों में संगीत दिया था। ये सभी मराठी फिल्में थीं। इसके अलावा उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी की फिल्मों में भी काम किया था। वे कुछ फिल्मों में एक साथ कई भूमिकाओं में भी दिखाई दिए।
सम्मान
देशपांडे के कार्य को देश आज भी याद करता है। उन्हें 1990 में पद्म भूषण, 1993 में पुण्य भूषण, 1996 में पद्म श्री, 1965 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार, 1979 में संगीत नाटक अकादेमी फेलोशिप, महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड 1996 में और 1987 में कालिदास सम्मान दिया गया। देशपांडे ने देश को जो कला दिखाई, उसके लिए उन्हें कई सम्मानों से विभूषित किया गया था।
निधन : देशपांडे का पुणे में अपनी शादी की चौवनवीं वर्षगांठ पर निधन हो गया था।